Sunday, July 25, 2010

Deviji episode: 2





                                   एकटा बच्चा छल जे छल बड़ा खुरापाती | विद्यालय आबैत काल ओ रास्ताक सब फूल नोचने आबैत छल | विद्यालय में सेहो फूलक गाछ के नोइच क राइख दैत छल | एतबे नहि ओ आनो बच्चा सबके उक्साबय छल | ओकर संगी साथी सब सेहो ओकर सांगत के प्रभावे बड उपद्रवी भ गेल छल |तंग भ विद्यालय के माली प्रधानाध्यापक लग अपन समस्या बाजल  "महोदय हम बच्चा सबहक खुरापात स बड तंग छी | हम्मर दिन भरिक मिहनत ई सब क्षण भरि में मटियामेट कय दैत अछि | " ताहि पर प्रधानाध्यापक ओकरा आश्वासन देलखिन, "हम अहि पर अवश्य कार्यवाही करब | हम एहेन बच्चा सबके दण्डित करब |"
                                     जखन देवीजीके अहि बातक खबरी लगलैन त ओ स्वयं माली स बात क बालक के पता केलीह फेर ओकरा सबके बजा क पूछलखिन, "अहाँ सब एहेन काज कियैक करैत छी | बेचारा माली रौद बसात में काज करैत अछि आ अहाँ सभ द्वारे ओकर परिणाम नहि आबैत छई | अहाँ सभके नहिं इच्छा होयत अछि विद्यालय के सुन्दर बनाबई के | ताहि पर कियो बजलकै, "हमरा सबके तितली पकड़नाई नीक लागैत अछि आ तितली त फूले पर बैसैत  छई  |" आब देवीजी के फसादक मूल कारण ज्ञात भेलैन | ओ प्रधानाचार्य स आदेश पाबि सभ बच्चा सभके छुट्टी वाला दिन विद्यालय बजेलखिन | माली सेहो आयल |
                                  देवीजी खेले खेल में सबके बागवानी सिखेलखिन | सबके मिलिक काज केने ततेक नीक लागलय जे क्षण भरी में सबटा टूटल आ मरल गाछ सब हटी नब फूलक गाछ लागि गेल | देवीजी कहलखिन जे जों अहि गाछ के कियो तोरत नहिं त कनिए दिन में अहिमें सुन्दर सुन्दर पुष्प लागत जाहि स आकर्षित भ तरह तरहक तितली के जमौडा  लागत | संगही देवीजी तितली के पकड़य  स मना केलखिन |ओकर सुन्दरता के दूर स देखय के शिक्षा देलखिन |सब बच्चा आह्लादित छल तैं उत्पात बंद कय देलक | प्रधानाचार्य अहि परिवर्तन स प्रभावित भेला |
                                     किचुआ दिन बाद गाछ में फूल लगे लागल | संगही तितलीक आगमन सेहो बरही गेल | आब खाली समय निकाली क देवीजी संग बच्चा सब ओहि दृश्यक आनंद लेबय लागल | उपद्रवी बच्चा स सकारात्मक काज करबाबय लेल देवीजी के सबस प्रशंसा भेटलैन |

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