Saturday, August 7, 2010

Deviji episode: 6


                               आहि  ५ सितम्बर क विद्यालय में शिक्षक दिवस के आयोजन छल | सब शिक्षक शिक्षिका अतिथि रहैथ आ सब कार्यक्रम विद्यार्थी द्वारा प्रस्तुत छल | तरह तरहक रंगरंग कार्यक्रम प्रस्तुत कैल गेल जाहि स सब अध्यापक बहुत प्रसन्न भेला | अहिबातक चर्चा विस्तृत रूप स भेल जे ई तिथि देश के प्रथम उपराष्ट्रपति तथा द्वितीय राष्ट्रपति स्वर्गीय महोदय सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मतिथि छैन | भारतीय दर्शन शास्त्रक मान्यता के पश्चिमी सभ्यता में मान्य बनाबई में हुनकर योगदान अविस्मर्णीय छैन | महोदय १९५२-१९६२ तक उपराष्ट्रपति रहला तथा १३ मई १९६२ स अगिला पांच साल तक राष्ट्रपति के पद पर रहला | जखन ओ राष्ट्रपति भेला त हुनकर विद्यार्थी सब हुनकर जन्मदिवस मनाबय के अनुमति मांग गेलनि | ओ कहलखिन जे हमर जन्मदिनक आडम्बर के बदले अहि दिन के शिक्षक दिवस के रूप में मनाकय हमरा गर्वित करू | तहिये स ई प्रथा प्रारंभ भेल | 
                         अहि दिन सब विद्यार्थी अपन शिक्षक के प्रति अपन आभार आ सम्मान प्रकट करैत छथि | करियो के चाही| कहल गेल छहि - "गुरु गोविन्द दोनों खड़े, काको लागुन पाँव, धन्य गुरु आपनो गोविन्द दियो दिखाय |" संस्कृत में सेहो कहल गेल छाहि -"गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः , गुरु: साक्षात् परमब्रह्म: तस्मै श्रीगुरवे नमः |"
                          सबकियो अन्य शिक्षक शिक्षिका संगे देवीजी के प्रति अपन विशेष आभार प्रकट केलक | अंत में प्रधानाचार्य अपन भाषण में विद्यार्थिक प्रशंसक अतिरिक्त अहि बात पर विशेष जोर देलखिन जे शिक्षक देशक भविष्य- निर्माता होइत छैथ तै हुनका अपन सदाचरण स विद्यार्थी लग एक आदर्श प्रस्तुत करैके चाही | शिक्षक के जिम्मेवारी पर जोर देलक बाद कार्यक्रम समाप्त भेल | सब अपन घर दिस विदा भेला कारण आहि अवकास छल |

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