Saturday, August 7, 2010

Deviji episode: 4

                      गामक विद्यालयमें  प्रतिदिन व्ययामक शिक्षा देल जायत छल ; प्रर्थानक समय, कक्षामें जय स पहिने | कतेक विद्यार्थीके ई बहुत कष्टकर लागैत छलय| ओ सब प्रार्थना काल प्रतिदिन नुका जाय छल | शिक्षक सब स ई बात नुकायल नहिं रहल | ओ सब बच्चा सबहक अहि काज स बहुत अप्रसन्न भेला | सब कियो देविजिके नियुक्त केला बच्चा सबके बुझाबय लेल | देवीजी पता करय लगली जे ओ सब कतय नुकायत अछि | बेसी देर नहिं लगलैन ई ज्ञात करैत जे बच्चा सब कक्षा में बेंच के नीचा नुकायत छल | एक दिन देवीजी जखन प्रार्थना चलै छल सब कक्षा में जाक तकनाई शुरू केली | किछु बच्चा सब ठीके नुकायल छलाह |
                         देवीजी तत्काल ओकरा सबके प्रार्थना में पठेलखिन | तकर बाद ओकरा सबके व्ययामक महत्ता बुझेलखिन | ओ कहलखिन जे व्यायाम शारीरिक आ मानसिक दुनु विकासक लेल अत्यंत आवश्यक अछि | अहि स स्फूर्ति आबैत छहि | भोरे भोर व्यायाम केला स दिन भरि मोन प्रसन्न रहैत छहि आ सबकाजमें बढ़िया मोन लागैत छहि | जहिना जीवित रहैलेल भोजन आवश्यक छहि तहिना स्वस्थ रहै लेल कसरत आवश्यक छहि | कसरत स्वस्थ जीवन के आधार होइत छहि | तकर बाद देवीजी व्यायामक शिक्षक के रोचक ढंग स व्यायाम करबै के परामर्श देलखिन आ आन शिक्षक सबके सेहो संगे व्यायाम करैके अनुरोध केलखिन | सब हुनकर बात मानलैथ | बच्चो सब व्यायाम स भागनाई छोरलक | देवीजी पुनश्च अपन कार्य में सफल भेली |

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