Monday, May 24, 2010

Khajuraho Dace Festival







Khajuraho (Mdhya Pradesh )is basically famous for its enchanting temples and it's legendary dance festival. The Temples of Khajuraho strike a perfect balance between architecture and sculpture. In the year 1986, UNESCO designated this group of temples as a world heritage site. Every year in the month of February - March, Khajuraho Dance Festival is organized by the Kala Parishad under the Madhya Pradesh government. Famous Classical Dancers from all over India performs during this Dance festival at Khajuraho, Madhya Pradesh. The aim of organizing this event is to promote cultural heritage and traditional dances of India.

This cultural festival highlights the richness of the various Indian classical dance styles such as Kathak, Bharathanatyam, Odissi, Kuchipudi, Manipuri and Kathakali with performances of some of the best exponents in the field. Modern Indian dance has also been added recently.

The dances are performed in an open-air auditorium, usually in front of the Chitragupta Temple dedicated to Surya (the Sun God) and the Vishwanatha Temple dedicated to Lord Shiva, belonging to the western group.

Along with the renowned performers, a number of craftsmen display their crafts to the visitors. There is an open market where local articles are there for sale. Khajuraho Dance Festival is conducted as a celebration of the cultural heritage of Khajuraho temples and preserving it for the coming generation.

Every year Khajuraho Dance Festival is held in order to celebrate the glory of the temples. It is believed that classical dance basically comes from the Hindu temples and attained it's maturity.


Live performances of classical dances like Kathak, Kuchipudi, Odissi, Bharatnatyam, Manipuri and Mohniattam are the major attractions of these dance festival. The Khajuraho Dance Festival is internationally recognized by international dancers and academies. A large number of foreign tourists come to India for a culturally enriched show of classical dances like Khajuraho Festival of Dances.







Saturday, May 22, 2010

शिव भजन


"शंकर जी का भजन "

शिव शंकर कहूँ याद करते हैं हम 
पूजा कैसे करूँ यह नहीं है पता ।

तुमको कहते हैं औघर दानी सही,
इस अधम को तो यह भी नहीं है पता ।
शिव शंकर ............................ ।

फूल अक्षत औ चन्दन धरा थाल में ,
ध्यान कैसे धरूँ यह नहीं है पता ।
शिव शंकर .............................।

तुम तो बसते हो भक्तों के दिल में सही 
भक्ति का सुर मुझे भी नहीं है पता ।
शिव शंकर ............................ ।

आई शरणों में तेरे क्या अर्पण करूँ ,
सब तो तेरा दिया है यही है पता ।।
शिव शंकर ............................ ।

- कुसुम ठाकुर -

Friday, May 21, 2010

श्री शिव पञ्चाक्षर स्तोत्रम

"श्री शिव पञ्चाक्षर स्तोत्रम"

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय 
भस्मांगरागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय 
तस्मै न काराय नमः शिवाय ।।

मंदाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय
नंदीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय ।
मंदारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय 
तस्मै म काराय नमः शिवाय । ।

शिवाय गौरी बदनब्ज वृन्द-
सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय ।
श्री नीलकंठाय वृषध्वजाय 
तस्मै शि काराय नमः शिवाय ।।

वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्य-
मुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय ।
चंद्रार्क   वैश्वानरलोचनाय
तस्मै  व काराय नमः शिवाय ।।

यक्षस्वरूपाय जटाधराय 
पिनाकहस्ताय सनातनाय ।
दिव्याय देवाय दिगम्बराय 
तस्मै य काराय नमः शिवाय ।।

पंचाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसन्निधो ।
शिवलोकमावाप्नोति शिवेन सह मोदते ।।

Thursday, May 20, 2010

अच्युतम केशवम

भगवान का भजन 

अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम 
राम नारायणम जानकी बल्लभम 

कौन कहते हैं भगवान आते नहीं  
तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं 
अच्युतम केशवम..............

कौन कहते हैं भगवान खाते नहीं 
तुम शबरी के जैसे खिलाते नहीं 
अच्युतम केशवम ..............

कौन कहते हैं भगवान सोते नहीं 
माँ यशोदा के जैसे सुलाते नहीं 
अच्युतम केशवम.................

कौन कहते हैं भगवान नाचते नहीं 
गोपियों की तरह तुम नचाते नहीं 
अच्युतम केशवम ....................

Monday, May 3, 2010

शंकर जी की आरती

" शंकर जी की आरती "


आरती करो हर हर की करो 
नटवर की भोले शंकर की 
आरती करो शंकर की ....2

सर पर शशि का मुकुट संभारे 
तारों के पायल झनकारे 
धरती अम्बर डोले तांडव 
लीला की नटवर की 
आरती करो शंकर की
आरती करो हर हर की...

फन का हार पहनने वाले 
शम्भो हैं जग के रखवाले 
सकल चरा चर ओ डमरूधर 
लीला की नटवर की 
आरती करो शंकर की  
आरती करो हर हर की ...

 महादेव जय जय शिव शंकर 
जय गंगाधर जय डमरूधर
हे देवों के देव मिटायो 
विपदा अब घर घर की  
आरती करो शंकर की 
आरती करो हर हर की......


 
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