"शंकर जी का भजन "
शिव शंकर कहूँ याद करते हैं हम
पूजा कैसे करूँ यह नहीं है पता ।
तुमको कहते हैं औघर दानी सही,
इस अधम को तो यह भी नहीं है पता ।
शिव शंकर ............................ ।
फूल अक्षत औ चन्दन धरा थाल में ,
ध्यान कैसे धरूँ यह नहीं है पता ।
शिव शंकर .............................।
तुम तो बसते हो भक्तों के दिल में सही
भक्ति का सुर मुझे भी नहीं है पता ।
शिव शंकर ............................ ।
आई शरणों में तेरे क्या अर्पण करूँ ,
सब तो तेरा दिया है यही है पता ।।
शिव शंकर ............................ ।
- कुसुम ठाकुर -
5 comments:
ईश्वर के समक्ष अपनी नादानी स्वीकारने में कोई बुराई नहीं है। अपनी अज्ञानता अगर हम नहीं छिपाते हैं तो सभी से बहुत कुछ अच्छा पाते हैं। हमें इंसान से भी अपनी बुराईयों को कभी नहीं छिपाना चाहिए। हमारे हितचिंतक ही सदा हमारे भले के लिए प्रयासरत रहते हैं। एक सच्चा पूजा गीत।
बहुत ही मार्मिक और मन की गहराइयों से निकली भक्ति से सजी प्रस्तुती /
दिल्ली में पूरे देश के ब्लोगर सभा का आयोजन कल दिनांक -23 /05 /2010 को नागलोई मेट्रो स्टेशन के पास जाट धर्मशाला में किया जा रहा है / आप सब से हमारा आग्रह है की आपलोग अविनाश जी के संपर्क में रहिये और उनकी हार्दिक सहायता हर प्रकार से कीजिये / अविनाश जी का मोबाइल नंबर है -09868166586 -एक बार फिर आग्रह आप लोग जरूर आये और एकजुट हों क्योंकि एकजुट होकर ही इंसानियत को बचाया जा सकता है /
अंत में जय ब्लोगिंग मिडिया और जय सत्य व न्याय
आपका अपना -जय कुमार झा ,09810752301 ,
मन से की गयी सच्ची अराधना
बहुत ही सुन्दर ! पर ऐसा महसूस हो रहा जैसे कुछ शेष रह गया.....
MAN KO BHANE WALI PRASTUTI HAI.KRIPAYA IS SANSKRITI KO BANAYE RAKHIYE-KRISHNA MOHAN MISHRA
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