भगवान का भजन
अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम
राम नारायणम जानकी बल्लभम
कौन कहते हैं भगवान आते नहीं
तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं
अच्युतम केशवम..............
कौन कहते हैं भगवान खाते नहीं
तुम शबरी के जैसे खिलाते नहीं
अच्युतम केशवम ..............
कौन कहते हैं भगवान सोते नहीं
माँ यशोदा के जैसे सुलाते नहीं
अच्युतम केशवम.................
कौन कहते हैं भगवान नाचते नहीं
गोपियों की तरह तुम नचाते नहीं
अच्युतम केशवम ....................
5 comments:
बहुत ही खूबसूरत रचना दीदी ।
समर्पण के भाव के लिए उकसाती हुई रचना....
बहुत सुन्दर भाव..
कुंवर जी,
waah, ek aur pyaraa, dil mey utar jaane vala bhajan aabhaar aapakaa.
wah wah wah...........yahi to us natkhat ki khoobi hai ki bas prem ka pyasa hai wo........bahut sundar prastuti.
i recently sung this and learned from a didi here...did not know it is written by you. It was fun to sing ina group..bahut sunder!
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