Tuesday, September 14, 2021

चन्द्रशेखराष्टकम


 चन्द्रशेखराष्टकम


चन्द्रशेखर चंद्रशेखर चंद्रशेखर पहिमाम् 
चंद्रशेखर चंद्रशेखर चंद्रशेखर रक्षमाम्   

रत्नसानुशरासनं  रजतादृश्रृंग निकेतनं
 सिंजिनीकृत्पन्नगेश्वर मच्युताननसायकम्क्षि
प्रदग्धपुरत्रयं त्रिदिवालयैरभिवंदितं
 चंद्रशेखरमाश्रये  मम किं करिष्यति वै यमः 

चन्द्रशेखर चंद्रशेखर चंद्रशेखर पहिमाम् 
चंद्रशेखर चंद्रशेखर चंद्रशेखर रक्षमाम् 

पञ्चपादपपुष्पगंधपदांबुजद्वयशोभितं
भाललोचन जातपावक दग्धमन्मथ विग्रहम् 
भस्मदिग्धकलेबरं  भव नाशनं  भवमव्ययं
चंद्रशेखरमाश्रये  मम किं करिष्यति वै यमः 

चन्द्रशेखर चंद्रशेखर चंद्रशेखर पहिमाम् 
चंद्रशेखर चंद्रशेखर चंद्रशेखर रक्षमाम्  

 मत्तवारण मुख्यचर्म कृतोत्तरीय मनोहरनं
 पंकजा सन पद्मलोचन पूजीतां घृसरोरुहम् 
देविसिंधुतरंगसीकर सिक्तशुभ्रजटाधरं
चंद्रशेखरमाश्रये  मम किं करिष्यति वै यमः

चन्द्रशेखर चंद्रशेखर चंद्रशेखर पहिमाम् 
चंद्रशेखर चंद्रशेखर चंद्रशेखर रक्षमाम्  

यक्ष राज सखं भगाक्षहरं  भुजंग विभूषणं
शैलराजसुतापरिष्कृतचारुवामकलेवरम् 
क्ष्वेडनीलगलं परश्वधधारि मृगधारिनं
चंद्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः

चन्द्रशेखर चंद्रशेखर चंद्रशेखर पहिमाम् 
चंद्रशेखर चंद्रशेखर चंद्रशेखर रक्षमाम्  

कुण्डलीकृत कुण्डलेश्वर कुण्डलं वृषवाहनं
नारदादिमुनीश्वरस्तुतवैभवं भुवनेरम्
अंधकांतकमाश्रितामरपदापं शमनान्तकं
चंद्रशेखरमाश्रये  मम किं करिष्यति वै यमः

चन्द्रशेखर चंद्रशेखर चंद्रशेखर पहिमाम् 
चंद्रशेखर चंद्रशेखर चंद्रशेखर रक्षमाम्  

भेषजं भवारोगिना मखिला पदाम पहारिनम्
दक्षयज्ञ विनाशनं  त्रिगुणात्मकं  त्रिविलोचनम्  
भुक्तिमुक्ति फलप्रदं सकलाघसंघ निबरहनं
चंद्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः

चन्द्रशेखर चंद्रशेखर चंद्रशेखर पहिमाम् 
चंद्रशेखर चंद्रशेखर चंद्रशेखर रक्षमाम्  

भक्तवत्सलमर्चितं  निधिक्षयं हरिदंबरम
सर्वभूतपतिं  परात्परमप्रमेयनुत्तमम्  
सोमवारिद भूहुताशन  सोमपानिलखाकृतिं
चंद्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः

चन्द्रशेखर चंद्रशेखर चंद्रशेखर पहिमाम् 
चंद्रशेखर चंद्रशेखर चंद्रशेखर रक्षमाम्  

विश्वसृष्टिविधायिनं  पुनरेव  पालन तत्परं
संहरंतमपि  प्रपञ्चमशेष लोकनिवासिनम्  
कीडयंत  महार्निशं  गणनाथयूथसमन्वितन
चंद्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः

चन्द्रशेखर चंद्रशेखर चंद्रशेखर पहिमाम् 
चंद्रशेखर चंद्रशेखर चंद्रशेखर रक्षमाम्  

मृत्युभीतमृकंडुसुनुकृत स्तवंशिवसन्निधौ
 यत्र  कुत्र  च  यः  पढ़ेन्न हि  तस्य मृत्युभयं भवेत् 
पूर्णमायुररोग  तामखि लार्थ संपद मादरात् 
 चंद्रशेखर एव तस्य ददाति  मुक्तिमयत्नतः

चन्द्रशेखर चंद्रशेखर चंद्रशेखर पहिमाम् 
चंद्रशेखर चंद्रशेखर चंद्रशेखर रक्षमाम्  

 


 
Share/Save/Bookmark