"आरती शंकर जी की "
आरती करो हर हर की करो नटवर की भोले शंकर की, आरती करो शंकर की
सिर पर शशि का मुकुट सवाँरे, तारों के पायल झनकारे
धरती अम्बर डोले तांडव, लीला की नटवर की, आरती करो शंकर की
फण का हार पहनने वाले, शम्भो हैं जग के रखवाले
सकल चरा चर वो डमरू धर, ऊँगली पर विष धर की, आरती करो शंकर की
महा देव जय जय शिव शंकर, जय गंगा धर जय डमरू धर,
हे देवों के देव मिटायो, विपदा अब घर घर की, आरती करो शंकर की
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