पहचान सको तो पहचान कण-कण में छुपे हैं भगवन
सूरज की रौशनी चँदा की चाँदनी तारों की झिलमिल छाया
पर्वत गुफाएं नदिया औ झरना सबमे उसी की है माया
सृष्टि को मिला है वरदान कण-कण में झुपे हैं भगवान
पहचान सको तो पहचान ..........................................
जन्म से पहले जीव मात्र का तुम्हीं हो पालन हारा
हाड़- मांस औ रुधिर सुधिर से स्वच्छ दूध की धारा
दिया दााता ने जीवन का दान कण-कण में छुपे हैं भगवान
पहचान सको तो पहचान ...........................................
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