Monday, October 22, 2018

पहचान सको तो पहचान कण-कण में छुपे हैं भगवन



पहचान सको तो पहचान कण-कण में छुपे हैं भगवन 

सूरज की रौशनी चँदा की चाँदनी तारों की झिलमिल छाया 
पर्वत गुफाएं नदिया औ झरना  सबमे उसी की है माया 
सृष्टि को मिला है वरदान कण-कण में झुपे हैं भगवान
पहचान सको तो पहचान ..........................................

जन्म से पहले जीव मात्र का तुम्हीं हो पालन हारा 
हाड़- मांस औ रुधिर सुधिर से स्वच्छ दूध की धारा 
दिया दााता ने जीवन का दान कण-कण में छुपे हैं भगवान
पहचान सको तो पहचान ...........................................

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