हरहर बमबम शब्द सुना, डिमडिम डमरू बजा बजा
शिवदानी तु न जा न जा..…..........
नित्य भोर बेलपत्र चढ़ाऊँ भांग धथुर खोजि लाऊं
जैसे मानो वैसे मनाऊं हर हर भोले न जा
शिवदानी तु न जा न जा............
करुणाकर करुणा बरसाओ अमृत पान करा
नित्य रामचंद्र तिलक लगावें तु क्यों भस्म लगा
शिवदानी तु न जा न जा...........
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