मिथिला में शिव आ शक्ति केर पूजा होइत छैक। कोनो पाबनि हो बियाह हो कि उपनयन, बिना भोला बाबा आ भगवती के गीत के ओ संपन्न नहि भs सकैत छैक। मोन भेल, जे सब net प्रयोग करैत छथि हुनका लोकनि के लेल किछु भगवतीक गीत, महेशवाणी आ नचारीक संग्रह एकहि ठाम रहे तs हुनका लोकनि के सुविधा भs जयतैन्ह।
महाशिवरात्रि के अवसर पर प्रस्तुत अछि किछु महेशवाणी आ नचारी ।
महेशवाणी आ नचारी
(१)
कखन हरब दुःख मोर हे भोलानाथ।
दुखहि जनम भेल दुखहि गमाओल
सुख सपनहु नहि भेल हे भोला ।
एहि भव सागर थाह कतहु नहि
भैरव धरु करुआर ;हे भोलानाथ ।
भन विद्यापति मोर भोलानाथ गति
देहु अभय बर मोहि, हे भोलानाथ।
9 comments:
महाशिवरात्रि की बधाई एवं शुभकामनाएँ.
बड नीक लागल ई अवसर पर भोला बाबा के नचारी पढि कय। एक टा उगन द देतौं त कृपा होएत।
महाशिवरात्रि की बधाई एवं शुभकामनाएँ.
महाशिवरात्रि की बधाई एवं शुभकामनाएँ.
महाशिवरात्रि के पावन पर्व की हार्दिक बधाई
कहिया हरब दुःख मोर....पता नेई कतेक दिन सँ हम ई प्राती खोजैत रहौं...भोलानाथ के कृपा सँ आई भेटल...
एई पोस्ट के हम अपना लग संग्रहित क लेलौं....
अहांक कोटिशः आभार...
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
इसे 13.02.10 की चिट्ठा चर्चा (सुबह ०६ बजे) में शामिल किया गया है।
http://chitthacharcha.blogspot.com/
मनोज जी ,
आपको बहुत बहुत धन्यवाद !!
आप सभी साथियों को आभार !!
Post a Comment