Tuesday, May 28, 2019

हमर विनय श्री रामचंद्र जी सँ कहबैंह यौ हनुमान


हमर विनय श्री रामचंद्र जी सँ कहबैंह यौ हनुमान 
काशी खोजलहुँ प्रयागो खोजलहुँ , कतहु नहि 
भेंटलाह राम कनेक अहाँ कहबैन्ह यौ हनुमान 
हमर विनय ............................................

चलिते चलिते पाँव थकित भेल
बाटहि में भेंटलाह राम कनिक अहाँ कहबैन्ह यौ हनुमान 
हमर विनय .............................................


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