हे हर मन धय करहुं प्रतिपाल, सब बिधि बाँधलहुँ माया जाल
हे हर............…..….....
सब दिन रहलहुँ अनके आस , नहि रहलहुँ कहियो शिवदास
हे हर.…….......…..........
तय भेल हमर मनोरथ नाश, अब जायब हम केकरा पास
हे हर….........................
बीतल बयस तिनपल मोर, नहि धयलहुँ कहियो शिव तोर
हे हर............................
विद्यापति जओं बिगरय काज, सेवक बनय सदैव रहु पास
हे हर..............................
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