Friday, October 4, 2024

मोहन प्रेम बिना नही मिलता



मोहन प्रेम बिना नही मिलता चाहे करलो कोटि उपाय
मिले न जमुना सरस्वती में मिले न गंग नहाय
प्रेम सरोवर में जब डूबे प्रभु का अलख जगाय 
मोहन प्रेम बिना नहीं ......……...................
मिले न परबत में निर्जन में मिले न वन भरमाय
प्रेम बाग घूमे तो हरि को घट में ले पघराय
मोहन...................................................
मिले न पंडित को ज्ञानी को मिले न ध्यान लगाए
ढाई अक्षर प्रेम पढ़े तो नटवर नयन समाय
मोहन प्रेम बिना नही..................................
मिले न मंदिर में मूरत में मिले न ध्यान लगाय
प्रेम बिंदु दृग से टपके तो तुरत प्रकट हो जाये
मोहन प्रेम बिना नहीं ..............................

जय जय जय अम्बे (अम्बे जी की आरती )





  • जय जय जय अम्बे जय अम्बे  

  • नूतन सघन सजल रवि छवि शुम्भ निशुम्भ बधइया 
  • जोगिनी कोटि अनंत डाकिनि नाचत ता ता थैया
  • जय जय जय अम्बे जय अम्बे  

  • मुण्ड माल सिर व्यथन विराजत सब आसन सुख दइया 
  • डिमिक डिमिक डिम डामरु बाजय भूतक नाच गवैया 
  • जय जय जय अम्बे जय अम्बे  

  • शिव सनकादि आदि मुनि सेवित शुम्भp निशुम्भ बजैया 
  • शंकर यश करू विनती आरती जय जय तारणी मैया 
  • जय जय जय अम्बे जय अम्बे  


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