हे शारदे माँ हे शारदे माँ अबतो शरण में हमे तार दे माँ
तू स्वर की देवी ये संगीत तुझसे
हर शब्द तेरा है हर गीत तुझसे
हम हैं अकेले हम हैं अधूरे
अपनी शरण में हमे आज ले माँ
हे शारदे माँ ................................
मुनियों ने समझा गुणियों ने गाया
वेदों की भाषा पुराणों की वाणी
हम भी तो समझे हम भी तो जाने
विद्या का हमको अधिकार दे माँ
हे शारदे माँ .................................
तू श्वेत वर्णी कमल पे विराजे
हाथों में वीणा मुकुट सर पे साजे
मन से हमारे मिटाके अँधेरे
हमको उजालों का संसार दे माँ
हे शारदे माँ ....................................