Sunday, October 16, 2011

भगवती गीत (भय हरण कालिका )


"भय हरण कालिका"

जय जय जग जननि देवी
सुर नर मुनि असुर सेवी
भुक्ति मुक्ति दायिनी भय हरण कालिका।
जय जय जग जननि देवी।

मुंडमाल तिलक भाल 
शोणित मुख लगे विशाल 
श्याम वर्ण शोभित, भय हरण कालिका।
जय जय जग जननि देवी ।

हर लो तुम सारे क्लेश 
मांगूं नित कह अशेष 
आयी शरणों में तेरी, भय हरण कालिका ।
जय जय जग जननि देवी ।

माँ मैं तो गई हूँ हारी 
 माँगूं कबसे विचारी 
करो अब तो उद्धार तुम, भय हरण कालिका ।  
जय जय जग जननि देवी ।

-कुसुम ठाकुर-


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